________________
[<]
फूलीबाईका जन्म आषाढ़ वदि २ सं० १९११ को हुआ या । आपका स्वभाव बचपनसे ही मिलनसार था। यद्यपि बचपनमें आपको किसी तरहकी शिक्षाका संबंध नहीं मिला तथापि घरके .: कामकाजमें आप बड़ी ही निपुण थीं । पाहुनगत करना आप वृत्र [ जानती थीं और आपको धर्मप्रेम भी बहुत अच्छा था ।
आपका विवाह सं० १९२१ में हुआ था। आपके विवाहकी घटना भी सुनने लायक है इसलिये संक्षेपमें लिख देना अनुचित नहीं जान पड़ता ।
रा० ब० सेठ सर हुकमचंदजी, रा० ० नेट कल्याणमलजी, रा० ब० सेठ कस्तूरचंदजीसे तो हमारे पाठकगण खूब परिचित ही हैं, इन्हीं पितामह ( बाबा ) का नाम सेट मानिकचन्दजी था। सेठ माणिकचंदजी के पांच पुत्र थे मगनीरामजी, स्वरूपचंदजी, ओंकारजी, तिलोकचंदजी और मन्नालालजी । इनमेंसे मगनीरामजी और मन्नालालजी निःसंतान ही स्वर्गवासी हुए, शेष तीनों भाइयोंक घर स्वरूपचंद, हुकमचंद, तिलोकचंद कल्याणमल और ओंकारजी कस्तूरचंद के नामसे आज भी प्रसिद्ध हैं ।
इसी प्रसिद्ध घरानेमें फूलीबाईका विवाह सेठ तिलोकचंदके साथ हुआ था। इस संसारमें बहुतसे लोग ऐसे हैं जो भाग्य व प्रारब्धको कोई चीज नहीं मानते तथापि उन्हें ऐसी अनेक घटनाएं भोगनी पड़ती हैं जिनसे लाचार होकर उन्हें भाग्य मानना ही पड़ता है। जिन दिनों फूलीबाईके विबाहका उत्सव मनाया जा रहा था उन दिनों उज्जैनमें हैजा चल रहा था।