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प्रवचन २१
संकलिका
• चेतना के दो आयाम-इन्द्रिय चेतना का आयाम और मनश्चेतना
का आयाम । • ये दो आयाम द्वन्द्व की आपूर्ति से संबद्ध । • द्वन्द्व पांच हैं-- ० लाभ और अलाभ का पहला द्वन्द्व । ० सुख और दुःख का दूसरा द्वन्द्व । ० जीवन और मरण का तीसरा द्वन्द्व । ० निन्दा और प्रशंसा का चौथा द्वन्द्व ।
० मान और अपमान का पांचवां द्वन्द्व । • तीसरा आयाम है-समभाव । • यह है अध्यात्म के विकास का आदि-बिन्दु । • यह है-द्वन्द्वातीत चेतना ।
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