Book Title: Katantra Vyakaranam Part 04
Author(s): Jankiprasad Dwivedi
Publisher: Sampurnanand Sanskrit Vishva Vidyalay

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Page 754
________________ क्र० सं० ग्रन्थनाम १. अग्निपुराण २. अथर्ववेद प्रातिशाख्य अभिधानकाण्ड अमर ( अमरकोश) अष्टाध्यायी (पाणिनीय) ४. ५. ६. कलापचन्द्र परिशिष्टम् - ४ उद्धृतग्रन्थनामावली ७. कलापतत्त्वार्णव ८. काशकृत्स्नधातुव्याख्यान ९. काशकृत्स्नव्याकरण १०. काशिकावृत्ति ११. गोपथब्राह्मण १२. गोभिलगृह्यसूत्र १३. चान्द्रसूत्रम् (व्याकरणम्) १४. छान्दोग्योपनिषद् १५. जयदेवे (गीतगोविन्दे ) १६. टीका ( दुर्गवृत्तिटीका) १७. त्रिकाण्डशेषकोशः १८. दुर्गटीका १९. दुर्गवृत्ति २०. धातुपारायणेन २१. धातुप्रदीप:, धातुवृत्तिः २२. निरुक्त २३. न्यासः पृष्ठसंख्या १५७ १५७ ४५५, ६४० ६६, ८९, २६६, २९७, ६५१ सभी सूत्रों की समीक्षा में उद्धृत (अ०)। अनेक सूत्रों पर उपलब्ध टीका उपलब्ध टीका (क० च० ) । अनेक सूत्रों पर (क० त० ) । १५७ १४० ४८९ १५६ १५६ ४८७ १४० ५७८ ५, १५, ४२, ८६, १११, १२१, १२९, १७९, २२८, २९६, ३६६, ३८९, ४१८, ५११, ५२३, ५२५, ५२६, ५३६, ५७१, ५७७, ५८३, ६१७, ६३०, ६३८, ६४३, ६४६ ५०२ प्रायः प्रत्येक सूत्र की व्याख्या' (दु०टी०)। प्रत्येक सूत्र पर उपलब्ध व्याख्या ( दु० वृ० )| ११८, ३९७ १११, ६२९ १५६, ४१२ १११

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