Book Title: Kasaypahudam Part 11
Author(s): Gundharacharya, Fulchandra Jain Shastri, Kailashchandra Shastri
Publisher: Bharatvarshiya Digambar Jain Sangh
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गा० ६२] उत्तरपयडिपदेसउदीरणाए अप्पाबहुअं
२९३ * मायासंजलणस्स उक्कस्सिया पदेस दीरणा असंखेजगुणा । $ २७४. सुगमं । * लोहसंजणस्स उक्कस्सिया पदेस दीरणा असंखेजगुणा।
__ ओघो समत्तो। ६ २७५. एवमोघं समाणिय संपहि आदेसपरूवणट्ठमुवरिमं सुत्तपबंधमाह* णिरयगदीए सव्वत्थोवा मिच्छत्तस्स उक्कस्सिया पदेस दीरणा ।
२७६. कुदो ? सम्मत्ताहिमुहमिच्छाइद्विणा उदीरिज्जमाणासंखेजलोगपडिमागियदव्वस्स गहणादो।
* अणंताणुबंधीणमुक्कस्सिया पदेस दीरणा अण्णदरा संखेजगुणा ।
६ २७७. कुदो ? एगासंखेजलोगपडिभागियमिच्छत्तदव्यादो चदुण्हमसंखेजलोगपडिभागियदव्वाणं थोवूणचउग्गुणत्तदंसणादो। एत्थ चोदगो भणइ–उवसमसम्मत्ताहिमुहसमयाहियावलियमिच्छाइट्ठिम्मि मिच्छत्तस्स उक्कस्सिया पदेसुदीरणा जादा । अणंताणुबंधीणं पुण मिच्छत्तपढमद्विदीए चरिमसमयम्मि उक्कस्ससामित्तं जादं। तहा च संते मिच्छत्तक्कस्सपदेसुदीरणादो अणंताणुबंधीणमुक्कस्सपदेसुदीरणाए असंखेजगुणाए होदव्यमिदि ? एत्थ परिहारो वुच्चदे-सच्चमेदं, तहाविह
* उससे मायासंज्वलनकी उत्कृष्ट प्रदेश उदीरणा असंख्यातगुणी है । ६२७४. यह सूत्र सुगम है। * उससे लोभसंज्वलनकी उत्कृष्ट प्रदेश उदीरणा असंख्यातगुणी है।
इस प्रकार ओघ अल्पबहुत्व समाप्त हुआ। ६ २७५. इस प्रकार ओघको समाप्त कर अब आदेशका कथन करनेके लिए आगेके सूत्रप्रबन्धको कहते हैं* * नरकगतिमें मिथ्यात्वकी उत्कृष्ट प्रदेश उदीरणा सबसे स्तोक है ।
$ २७६. क्योंकि सम्यक्त्वके अभिमुख हुए. मिथ्यादृष्टिके द्वारा उदीर्यमाण, असंख्यात लोकका भाग देनेपर, एक भागप्रमाण द्रव्यको यहाँ ग्रहण किया है।
* उससे अनन्तानुबन्धियोंमेंसे अन्यतर प्रकृतिकी उत्कृष्ट प्रदेश उदीरणा ___ संख्यातगुणी है।
$ २७७.क्योंकिअसंख्यात लोकका भाग देनेपर एक भागप्रमाण मिथ्यात्वके द्रव्यसे असंख्यात लोकका भाग देने पर चार भाग प्रमाण द्रव्य कुछ कम चौगुना देखा जाता है।
शंका-यहाँ पर शंकाकार कहता है कि उपशमसम्यक्त्वके अभिमुख हुए मिथ्यादृष्टि के एक समय अधिक एक आवलि काल शेष रहनेपर मिथ्यात्वकी उत्कृष्ट प्रदेश उदीरणा हुई है, परन्तु अनन्तानुबन्धियोंका मिथ्यात्वकी प्रथम स्थितिके अन्तिम समयमें उत्कृष्ट स्वामित्व हुआ है। और ऐसा होनेपर मिथ्यात्वकी उत्कृष्ट प्रदेश उदीरणासे अनन्तानुबन्धियोंकी उत्कृष्ट प्रदेश उदीरणा असंख्यातगुणी होनी चाहिए ?
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