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फिर से लिखकर तैयार की है, जिससे मुद्रण में सुविधा रही है। इस प्रकार प्रकाशन में सहयोगी इन सभी का मैं हार्दिक आभारी | महासभा का प्रकाशन विभाग इस उपयोगी प्रकाशन के लिये हम सबके साधुवाद का अधिकारी है ।
आशा है, आत्महितैषी पाठकगण इस पुस्तिका का पारायण कर अपने ज्ञान को निर्मल बनाने का सद् प्रयत्न करेंगे - इति शुभम् ।
- डॉ० चेतन प्रकाश पाटनी, जोधपुर