Book Title: Jambu Gun Ratnamala
Author(s): Jethmal Choradia
Publisher: Jain Dharmik Gyan Varddhani Sabha

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Page 19
________________ जंयु गुण रख माला पृ.१३ शिरोमाण । ल । रूप सरूप अपारक । दुति दामन तणी। ल.॥१॥ अवर घणो परिवारक दास शशी कह्या । ल० दानतदार व्योपार बाणोत्तर कर रह्या ।। लः ॥२॥ मंदिर मनोज्ञदुकान मकानात फूटरी । ल । रथ गाज गजराज । कतारां ऊंटरी । ऋद्ध समृद्ध अगंज शगैर आरोगता ॥ ल:॥ ३ ॥ शीतल सोम दीदार । घणा मुख चोगता । ल । पति प्रमदा गतिकाम । जिसा सुख भोगता ॥ ल०॥४॥ गरम धरै तिणवार । जकड पुन जोगता ॥ ५ ॥ जम्बु सुदर्शन वृष । निरख सुपना विषै । ल• । सेठाणी सेठ पास। हरष आवी तिसे ॥ ल०॥६ कह्यो सकल विरतंत । कंत सुण गह गह्यो । ल । होसी पुत्र रत्न सोहण भल तम लह्यो ।। ल.॥७॥ उपजे डोहला मुष्ट । सामायिक कीजिये । ल । दान चतुग्दश भांति । उत्तम पात्र दीजिये ॥ ल० ॥८॥ करे गर्भ प्रतिपाल । दोषण सहु टालवे । ल । डाहवी चतुर सुजाण । शास्त्र रीत चालवे ॥ ल० ॥ ९॥ नव मासे सप्त रात साढी सुखे बीतिया । ल । भलो नक्षत्र मेल्यो जोग । कंवर जी जनमीया । ल० १०॥ हई बधाई गेह । सजन जन हराखिया। ल०। ग्रहपति आनंद पाय | अंगज गुण निरखिया । ल. ॥ ११ ॥ गोरड्यां गावे गीत । मंगलाचार हो रह्या । ल । ढोल दमामा नाद । जाचक जन जस कह्या ॥ ल.॥ १२ ॥ गीत नृत्य वाजंत्र । नादे अंवर गाजियो । ल । खर्च अमामा माल । महोत्सव बहु साजीयो ॥ ल.॥ १३ ॥ कलश लेई २ हाथ । मुहागण गोरडी । ल । गाव धवल अनूप । मानु बोले मोरडी ल० ॥ १४ ॥ सहासणी संतोष । कुकंम रंग घोलिया । ल०। वांधी बांदरवाल । मनोहर पोलिया।।

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