Book Title: Jambu Gun Ratnamala
Author(s): Jethmal Choradia
Publisher: Jain Dharmik Gyan Varddhani Sabha
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जंबु
। नारे ॥ आंकड़ी ॥ १॥ वेशाना पाडा विषेरे । कुमेन्सेना नाम । काम दिपावण कंचनीरे । रूप कला अभिराम ॥ प० २ ॥ हाव भाव भ्रिम करीरे। धन योवन ले लूट । कामी मनुष्य पतंगीयारे । रप सिखा
॥ ३॥ विषय विकार प्रयोग सुरे। जनम्या बालक दोय । पुत्र कुमेरदत पुत्रिकारे । कुमरदत्ता माला| हाय ।। प० ४ ॥ भोग पालणा नवी बणेरे । हुई पारखती जाम । पेई सुवाण वुहावियोरे । जमुना जल में
ताम ॥ ५० ५॥ मंजूस बहती आवतीरे । सोरी पुररे घाट । द्वे विवहारी देखनेरे । कूद पड़या मध्य पाट पृ.२७,
॥५० ६ ॥ काढ पेटी बतलावियारे । लेस्यां अर्धो अर्घ । खोल कपाट निहालतां। मिट गयो अंतर दर्द ॥५० ७॥ कन्या चाही कन्यकारे । पुत्र चाही लियो पूत । आनंदी त्यांची चल्यारे । निज मकान पहंत ॥ ५० ८ ॥ अपणी २ स्त्री नेरे। न्यावी खूपया बाल । जन्मोत्सव हरषी करेरे । जाया ज्यूं प्रतिपाल ॥ १० ॥ तरुण तनवय व्यापतारे। तेहीज दिया परणाय माता भगिनी भोगवेरे । जाकी खबरन काय ॥५॥१०॥ घोख बैठा एकदारे । रमता पाशा सार । नामां कृत की मूनडी रे। निजर पडी तिणवार ।। प० ११ ॥ सहोदरसा दीशतारे । नाम सरीसा जेम । जनिता जनक ने पूछियोरे। भाषो जिम छै तेम ॥१० १२॥ मर्म लहीने कंपियारे । लाज्जित बेहूं होय । दोऊ लोक विगोवियारे । बिपया ना फल जोय ॥ ए० १३ ॥ | मुख दिखलाऊं किरप विधरे । लोक हंसे इण प्राम। कुमर दत्त इम चितवीरे। मथुरा पोतो ताम ।। १० ॥ १४ ॥ कुमेर दत्ता तव कंपतीरे । गेरत ल्यावे अपार । कियो अकारज मोटकोरे । किम होसी निस्तार
ढाल

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