Book Title: Jambu Gun Ratnamala
Author(s): Jethmal Choradia
Publisher: Jain Dharmik Gyan Varddhani Sabha

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Page 36
________________ ! पाडा मांय । कुटुम्बनी सूं वत लावती होकै चतुरा। रहवाने ठाम बताय ॥ १ ॥ सुगणा मानी होके । अज्जा | केरी जोवो किरत । अांकडी। आपे उत्तर कुटम्बनी होके ॥ १० ॥ हम तुम भिन्न प्राचार। पूर्व पश्चिम पंथ रन ज्यू होके । च० । यांथी वेग सिधार । सु० ॥ २ ॥ सांची तुम निरवारता होके । च० । कोइक कारणं प्रयोग माला आई जगा जांचवा होके । च० । करस्यूं तोय निरोग । मु० ॥३॥ हुलराव मुझ न्हानडो होके चतुरा । तोतु । सुख रहाय अवसर पे जाणी जसी होके । च। माना जाणी वाय । सु० ॥ ४ ॥ चित्रशाला रे पाखती होके चतुरा । कोटडी एक' बताय । रही साहुणी कारण सु होके । च० । अातो देख्यो भाय । सु०॥ ५ ॥ पेठो मंदिर माहने होके चतुरा । दोसत लेइ घुलाय । तिण बेलाते बालुडी होके च०। रोवण राग लगाय। सु० ॥ ६॥ हा कोई कहे प्रार्जका होके । च । रखो कानही बाल । गुझ हालरो देवती होके । च० । सा वोली तत्काल । सु०॥७॥ वंधव तूं रोवे मती होके । च । तुम हम एकही मात । देवरीयां तुं माहरा हाके । च० ।कंथनो छोटो भात । सु०॥८॥ नंदन एक हिसाब थी होके । च०। सोक तुम्हारी माय । भुवा भतीजा ताहरो होके । च० । तात हमारो भाय । सु०॥ ॥ हुँदादी तूं पोतरो होके | च० म्हारा पूत को नंद। ढाल तूं काको हुँ भतीज हूं एक । च० । तात लघु आनंद ॥ सु०॥ १० ॥ दोहा-श्रवण करी सोढमे चमक्यो चित्त मझार । बाहेर आवी यों कहे इम किम बके गंवार ॥१॥ सहोदरु सुसताव तूं समझर बोलो भित । षट नासा तोसे लगे सुणो एकाग्रचित्त ॥२॥

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