Book Title: Jambu Gun Ratnamala
Author(s): Jethmal Choradia
Publisher: Jain Dharmik Gyan Varddhani Sabha

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Page 94
________________ बोले । मत रोने दे लेले तु अज्जा खोले । मेरा गुंज हालरा सुन ले भाई भोले । उनने भी लगाया ध्यान रहीने श्रोले ॥ मि० ॥ वंदव १ देवर २ नन्द ३ भतीजो ४ पोतो । महा० ॥ काको षट् लगे सगाईजी ॥ प० ४ ॥ मत रोवे वंदव तुम हम एकही माता । मा । देवर । तू कंत से छोटा भ्रात । एक बजे से नन्द शोक है मेरे तेरी मात | मैं भुवा भतीजा तू लगता है मेरे ॥ म० || भाई जो है मेरा तुम तात मैं दादी तुं पोता पुत्र का नंदन है साक्षात ॥ शेर ॥ काका भतीजी मैं लगे तात लघु नंदन जानजी क्यों बके तुं वे हया कुमेरदत्त कहे तानजी । है नाता तुझ से लगे सुन ले जरा घर ध्यानजी । भाई १ पिता २ पति ३ नन्द ४ है तू बाबा सुसरा मान जी ॥ छो ॥ हां भाई बैन आप एक माता का जाया । माता का पति हुवा जिससे बाप कहवाया । भरतार लगे सोरीपुर में परणाया । शोकन का लडका जिनसे पुत्र गिनाया । मि० । काकाजी का बाप लगो इस कारण । म० बाबा इस नाते साईजी । प० ॥ ५ ॥ भडकी भगतन कहे अरे कुटिल क्या बोले । म० । मति पाखंड लगानाजी | मेरी किस दिन की तुं छोरी यहां से होय खानाजी । कहे आरज का नैन बैन से मोही । म० । केई को किया दिवानाजी । मत बोले कड़वा बोले बैन जरा तुम लज्जा लानाजी । शेर । षट नाता तुझसे लगे अब चोड़े दूं प्रकाशजी । माता भावज दादी सासू बधू शोक विमासजी | जन्म की दाता मेरी माता लगे तूं खासजी । मैं नगद भावज लगे तूं भ्रात बधू हुल्लासजी । छो । तूं दादी मेरे लगे बोल बिचारी । मुज दादे की होगई जिससे नारी । तू सासू मैं हूं बघू तिहारी । खांविद की है तूं खास महतारी || मि० ॥ तुं बधू हमारी जरा शर्म तो लारी । मा पुत्र की प्यारी कहाईजी ॥ प०६ ॥ ए सोकड़

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