Book Title: Jambu Gun Ratnamala
Author(s): Jethmal Choradia
Publisher: Jain Dharmik Gyan Varddhani Sabha
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..|| भर्म । कोइन मारे कोइन तारे भुक्ते बांध्या कर्म ॥ १॥ मिथ्या मत छोडे क्युंन अयाण ।आंकडी । कुग्रंथारो ।
भोलवियोरे । जाण पितारी भक्त । सज्जन मास्ये पुरजन ठास्यो मिथ्या मोह निरक्त ॥ मि. २ । केम वृतांच
एहवीता सामी । भाषोजि मछतेम । कहं कथा ए सांची प्रभवा-। सांभलजे धर प्रेम ॥ मि०३॥ जंबू द्वीपवी माला जेपुर माहे । व्यावहारी वसे एक । मही सर ते नो नाम कहावे । सरल स्वभावी विशेक ॥ मि०॥ ४॥बापते पृ.३३
हनो दुर्गति गामी । डोसो मरती वार । इमबेटा नेशिक्षा दिवी । कीजे एह प्रकार ॥ मि . ५ ॥ करे सराध दागरे दिवसे । गाढी लेजेधार । एक मैपरी घात करीने । जीम्हा जे परवार । मि० ॥ ६ ॥इसो अकारज केम करीज । सोचे मन धरधीर । मुझ कहणीज्यो नही करसे । तो थासे द्रावणगीर ॥मि०७॥जिम कहिस्यो हंति मही जकरस्यु । राखो चित्त समाध । काल के अवसर काल करीने । भैसारी गत लाध ॥ मि०८॥माता मर
स्वाननी निजही घर रेपास । धन गिर धीरी एगत थावे । पुदगलमोटी फांस | मि.ह॥ महीसरदत्तरी कुटिला सत्री। चाकर साथ लुभाय । कामभोग सेवतां देखी। लंपट सीस छेदाय ॥ मि०१०॥ मरती विरिया असो चिंत्यो कीधा राफल लीध । तिणकर तिणारे उदर ऊपनो । पुत्र थयो पर सिद्ध ॥ मि० ११ ॥ विनय करीने भामिनी भाषे । अब न करूं ये काम तुम प्रीतम अल वेशर गिरवा । राखी माहरी माम ॥ मि० १२॥ कालं तर दिन आयो कनागत । तात कथन करी याद । तेहीपाडो मोल खरीदी। मार कियो अपराध ।। मि १३॥ चारू आहार निपानी नोत्या । स्वाता दिक बहू लोग । तब कुतरी मुह दे वण दोडी । आक्षे कारा जोग

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