Book Title: Jambu Gun Ratnamala
Author(s): Jethmal Choradia
Publisher: Jain Dharmik Gyan Varddhani Sabha

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Page 25
________________ गुण रख छै सोहि लारे ॥ खड्ग धारारी चाल । सु० ॥ बाबीसपरिषह आकरारे । किम सहस्यो सुखमाल ॥ सु० ॥२१ दोहेला जिणने जाणी येरे । जाण्यो नरक निगोद । सु । हूं शिव सुखरो लोभीयोरे । माहरे एह प्रमोद । सी०॥ २२ ॥ आम्ममण अपछर जसीरे, मांगी छै तुझ काज । सु० । अध परणी तजतां थकारे । तोहे न आवे लाज ॥ सु० ॥ २३ ॥ मांग मूकता आपणारे । होसे जगत हंसाय । सु । मार्ग ऐसो लीजियेरे बेहुं लोक सुदराय । सु० ॥२४ ॥ पहिली परणो पदमणीरे । पाछे अवर विचार | सु० । अण बोल्या कंवर रहारे । हरिष्या सहुं परिवार । सु० ॥२५॥ सेवक जन बोलाय केरे । म्हेल्यासमध्यां पास । सु० । व्याह मंडावो वेग सुंरे । दाख्यों सकल प्रयास । सु० २६ अष्टमी दाल मनो हरूंरे । उत्सव व्याह उमंग 1 सु० किण विध परणे सुंदरीरे । ते सुण जो मन रंग । सु० ॥ २७॥ ॥ दाहा।। आज्ञाकारी सुण हुकम, चाल्या तिहां सताबाच्याही व्याह रचाइये, दीजे जल्दी जवाब ॥१॥ अंतर दिव शरु जामनी किम मानी जे वात । भोग भोगवा व्याहीये । वैरागी जामात ॥ २॥ ग्रहे वास में रहण की, करे कबूल कुमार । तो तुरंत व्याहे द्यां सुता नहीं तो अवर विचार ॥ ३ ॥ जाण कूप में कुण पडे, थेईज सोचो मन्न । सर्व अलुगुं पति विना वृथा धन जोबन्न ॥ ४ ॥ ॥ढाल नवमी मुख से बोली देख जसोदा काहा कहं तोसे नंदरानी। एदेसी ॥ लावणी। कीभेद लही ने मन में सोची। निज २. गृहे आटू तरुणी । मात पिता सुं इण पर बोले । हम अस्त्री जंबू वरनी |

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