Book Title: Jain Shikshan Pathmala Author(s): Jain Pustak Prakashak Karyalaya Byavar Publisher: Jain Pustak Prakashak Karyalaya Byavar View full book textPage 6
________________ 'जैन पुस्तक प्रकाशक कार्यालय व्यावर द्वारा प्रकाशित पुस्तकें. (1) भावक धर्म दर्पण १ प्रति । ५ प्रति १) (२) शलि रक्षा प्रथम भाग एक प्रति ॥ ३५ प्रति १३ (३) सुदर्शन सेठ चरित्र एक प्रति ) ११ प्रति ११ ) (४) जम्बु गुण रख माला (श्रावक जेठमलजी चौरड़िया द्वारा रचित ) एक प्रति = १५ प्रति ५) (५) नारी धर्म निरूपण एक प्रति - (६) जैन शिक्षण पाठसाला एक प्रति ) : ( शीघ्र छपेगा ) १२ प्रति १) ११ प्रति १ 1 ) शतावधारी पंडित मुनि श्री रतचन्द्रजी कृत पुस्तकें. (१) कर्त्तव्य-कौमुदि प्रथम ग्रन्थ मूल भावार्थ राहित इस लोक का कर्तव्य कर्म बताने वाला मूल्य केवल ॥ ) (२) रत्नगद्य माला भाग : मूल्य 11 ) जिल ले सुनि श्री के निबंधों का संग्रह है. (३) भावना शतक आदि. (1) सामायक रहस्य मूल्य एक प्रति 1 ) ११ प्रति २ ॥ ) (२) श्रार्दिनाथ चरित्र [ शेखर चरित्र ] टैंड दोई पर मूल्य १ असि = ) १५ प्रति ५ ) अन्य कई उपयोगी पुस्तके तयार हो रही है ।Page Navigation
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