Book Title: Jain Shikshan Pathmala
Author(s): Jain Pustak Prakashak Karyalaya Byavar
Publisher: Jain Pustak Prakashak Karyalaya Byavar

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Page 35
________________ (२६) ४ धर्मपुस्तक के सामने पैर लम्बे नहीं __करना, तथा उसके तरफ पीठ नहीं देना. . ५ धर्मपुस्तक को धुंकवाली उंगली नहीं लगाना. ६ नियत समय पर धर्मपुस्तकों का पड़ि लेहण करना. . .. . ७ किसी के भी पुस्तक को बिगाड़ना नहीं और उसका नाश नहीं करना. ८ ज्ञानी पुरुष की अवहेलना, निंदा या , अपमान नहीं करना. ९ किसी को भी ज्ञान प्राप्त करने में अंत राय नहीं डालना. १० ज्ञान का मिथ्या दंभ-आडवर नहीं करना. ११ अकाल और असज्झाय में सूत्रका उ- . __च्चार नहीं करना. .. १२ ह्रस्व का दीर्घ और दीर्घ का ह्रस्व आदि __अशुद्ध उच्चार नहीं करना. १३ सूत्रवाचन के प्रमाणमें उपधान तप करना. १४ गुरुगम के विना सूत्रका उपदेश देने को तत्पर नहीं होना.

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