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४. करणी के फलका संदेह न रखे.. ५ साधु सांध्वीकी दुर्गच्छा करे नहीं. ६ निर्ग्रथ प्रवचन के जानकार होवे..
७ हाट हाडकी या धर्मका - रंग लगा
होवे.
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८ अन्याय पक्षका कभी आश्रय करे नहीं. ६ हृदय स्फटिक रत्न जैसा निर्मल होवे. १० दान देने के लिये घर के द्वार खुले रक्खे. ११ अतीतकारी घरमें प्रवेश करे नहीं. १२ आठम चौदश परवी का पोषध करे.. १३ दुःखी को देख अनुकंपा लावे. १४ यथाशक्ति बारह प्रकार का तप करे. १५ आरंभ परिग्रह से कुछ निर्ते कुछ नहीं निवर्ते.
१६ करण करावासे कुछ निवर्ते कुछ नहीं निवत●
१७ पचन पाचनसे कुछ निवर्ते कुछ नहीं निवर्ते.
१८ अठारह पापस्थानक से कुछ निवर्ते कुछ