Book Title: Jain Shikshan Pathmala
Author(s): Jain Pustak Prakashak Karyalaya Byavar
Publisher: Jain Pustak Prakashak Karyalaya Byavar

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Page 67
________________ दूसरों की छपाई पस्तकें. श्री जैन गजल मुल चमन प्रहार मुफ्त. [5] सूर की एक धर्मवीर का चारेन मुफ्त. [B] लोपयोगी जैन प्रश्नोत्तर दोनों भाग) [4] सातिया डाह [5] जन तरंगणः प्रथम भाग) द्वितीय भाग) उपरोक्त पुस्तके मिलने के पतेः(१) श्रीमान् सिरेमलजी भंडारी पुस्तक विक्रेता, जन पुस्तक प्रकाशक कार्यालय व्यावर, (2) श्रीमान् भैरूलालजी नोरतमानी बाहरा लाखन कोटड़ी अजमेर, (3) श्रीमान् पद्मसिंहजी जैन, मानपाडा आगरा,

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