Book Title: Jain Shikshan Pathmala
Author(s): Jain Pustak Prakashak Karyalaya Byavar
Publisher: Jain Pustak Prakashak Karyalaya Byavar

View full book text
Previous | Next

Page 61
________________ ' (५५) जल्दी उठना. . . . १६ किसी की निंदा या विकथा करने में या सुनने में थोड़ा सा भी समय व्यर्थ नहीं गुमाना. . . . . . - पाठ २४वां दिनचर्या (स्त्री वर्ग के लिये ). १ गृह विवेक के पाठ में बतलाई हुई शिक्षाके अनुसार सर्व गृहकार्य विवेक पूर्वक करना. २ सास, सुसरा, जेठ, जिठानी आदि वडीलो का विनय करना उनके प्रति पूज्यभाव रखना और भक्ति करना ३ घर के किसी भी. मनुष्य के साथ क्ले श कंकास नहीं करना. . ४ नौकर चाकर व दास दासी के उपर . दयाभाव रखना प्रसंगोपात उनकी ___सार सम्हाल लेना. : ५ पति और वडीलों की आज्ञा का अना

Loading...

Page Navigation
1 ... 59 60 61 62 63 64 65 66 67