Book Title: Jain Shikshan Pathmala
Author(s): Jain Pustak Prakashak Karyalaya Byavar
Publisher: Jain Pustak Prakashak Karyalaya Byavar

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Page 64
________________ (५८) २ साधु के लिये आहार विकत लेकर नहीं . वहोराना. . . . . . . . . .: '. । । ३ किसी के पास से उछीता. या उधार __ लेकर आहार नहीं वहोराना. . .. ... ४ ताला, चाबी, संचा, तथा- चणीयारा वाले किवाड़-खोल कर आहार. नहीं वहोराना. ... ... ... .. ५ उपरके मजले से नीचे लाकर और भोपरे में उपर लाकर आहार नहीं, वहो राना. . ६. किसी के हाथ में से छिन कर कोई • चीज नहीं वहोराना. . ७ सहीयारी चीजें भागीदार की रजामंदी '- विना नहीं वहोराना.... ८ असुझती कोई भी चीज नहीं वहोराना. . ६ सचित्त वस्तु के साथ जिसका संपट्टा . ही ऐसी चीज़ नहीं बहोराना..... १० अंधे मनुष्य नहीं वहोरा सकते हैं । ११ ताजे लीपण पर चल कर नहीं वहो- .

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