Book Title: Jain Shikshan Pathmala
Author(s): Jain Pustak Prakashak Karyalaya Byavar
Publisher: Jain Pustak Prakashak Karyalaya Byavar

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Page 62
________________ दर नहीं करना. ६. किसी के भी साथ हास्य मश्करी करने . की आदत नहीं रखना.. , . ७ निकम्मे बैठे गप्पें नहीं मारना, परन्तु जहां से शिक्षण मिलता हो वहां से धार्मिक व नैतिक शिक्षण प्राप्त करते रहना. ८ नीति के और धर्म के पुस्तक . पड़न और उसमें से शिक्षा सूत्र अपने बच्चों को भी सिखाना. . अपने लड़केको गाली नहीं देना; ज्याद भय नहीं बताना पर मोठे शब्दों में . शिक्षण देना.. . . . १० अतिथि या मिजमानका आदर सत्कार करना, किसी का भी अनादर नहीं ... करना. . . . . . . . . . १२ गरीब, रंग और अनाथ की यथा . शक्ति सहाय करना. . . . . . . . १२. साधु साध्वीयों को निर्दोषः आहार

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