Book Title: Jain Shikshan Pathmala
Author(s): Jain Pustak Prakashak Karyalaya Byavar
Publisher: Jain Pustak Prakashak Karyalaya Byavar

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Page 45
________________ (३६) ५ भय दोष-भाव विना.मात्र लोकोपवाद के भय से करे सो... ६ निदान दोष-सामायिक के फल का नियाणा करे सो. . . ७ संशय दोप-सामायिक के फल का संदेह रखे सो. ८ कषाय दोष-सामायिक में क्रोध, मान, . माया, लोभ करे, सो.. . ६ अविनय दोष-सामायिक में गुर्वादिक का द्रोह करे सो. १० अपमान दोष-सामायिक को तुच्छ समझ कर अंनादर पूर्वक करे सो.. वचन के.१० दोष. . १ कुत्सित दोष-सामायिक में कुत्सित विभत्स वचन बोले सो. : . २ सहसा. दोष-विना विचार किये साह सिक वचन चोले सो. .३ असदारोपण दोष-किसी के उपर अ___ सत्य आरोप रक्खे सो......

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