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४ निरपेक्ष दोष-शास्त्र की अपेक्षा विना एकांतिक वचन बोले- सो.
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५ संक्षेप दोष - सामायिक के पाठ संक्षेप
से अपूर्ण बोले. सो.
-६ कलह दोष - किसी के साथ क्लेश कंकास करे सो.
७ विकथा दोष - चार किस्म की विकथा 'करे सो.
= हास्य दोष- किसी की हांसी मरकरी करे सो.
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९ शुद्ध दोष - अशुद्ध उच्चार करे अथवा
चकार मकरादि वचन बोले सो.
१० मुम्मण दोष- मक्खी की तरह वणवण करते हुए पाठ के शब्द अप्रकट रीति से बोले सो. ' काया के १२ दोष.
१ अयोग्यांसन दोष - पैर पर पैर चढ़ाकर अथवा कपड़े की पलांठी बांधकर बैठे - या अन्य कोई अयोग्य श्रासन - से बैठे सो.