________________
(४५) "निसहि" शब्द कहना रात्रि के समय घहार जाने की जरूरत हो तो सिरपर वस्त्र ओढ कर जाना पर खुल्ले मस्तक
या खुल्ले शरीर नहीं जाना. १६ पोषामें वड़ीनीतिका कारण पड़े उस
वास्ते गरम जलका योग रखना अ
थवा दिन होर लाना. १७ पोपाके २१ दोप दाल कर शुद्ध पोषध
करना. १८ चलती हुई परंपरा के अनुसार ग्यारह
वां पोपधव्रत ज्यांदेसे ज्यादे एक प्रहर दिन चढे वहां तक वांध सकते हैं वाद
में दशवां व्रत हो सकता है. १९ दशवां व्रत में अन्य सर्व विधि ग्यारहवें
व्रत के माफिक है पर इतना अंतर है कि प्रथम उपवास के पच्चखाण करना, तत्पश्चात् वस्त्र और उपकरणों
की मर्यादा करना, की हुई मर्यादा से • अधिक वस्त्र या उपकरण कल्पे नहीं