Book Title: Jain Shikshan Pathmala
Author(s): Jain Pustak Prakashak Karyalaya Byavar
Publisher: Jain Pustak Prakashak Karyalaya Byavar

View full book text
Previous | Next

Page 49
________________ .: (४३) • ५ पोषामें किसी प्रकार का शस्त्र नहीं रखन ६ पोपामें जेवर या सोने चांदीके कोई भी श्राभरण नहीं पहनना चाहिये, स्त्रियों को नहीं उतारे जा सके ऐसे गहने के लावा और आभरण नहीं रखना. ७ चंदन, विलेपन या पुष्पमाला पोषध में नहीं पहनना चाहिये. ; ८ सामायिक के माफिक मामुली दो कपड़े • पहन कर व आसन बिछाकर मुँहपत्ति बांधना गुरु के सन्मुख अथवा पूर्व उ. त्तर दिशाभिमुख खड़े रह कर सामायिक के भांति लोगस्स पर्यंत पाठ दो दफे उच्चरना. ६ वंदनपूर्वक आज्ञा लेकर गुरु के पास : अगर गुरु न होवे तो स्वतः ग्यारहवां व्रत का शुरु का पाठ उच्चार कर पोषध बांधना, तत्पश्चात् पूर्ववत् तीन नमोत्थुणं. कहना यहां पोषध व्रत वांधने का विधी पूरा हुआ. ·

Loading...

Page Navigation
1 ... 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67