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५ पोषामें किसी प्रकार का शस्त्र नहीं रखन ६ पोपामें जेवर या सोने चांदीके कोई भी श्राभरण नहीं पहनना चाहिये, स्त्रियों को नहीं उतारे जा सके ऐसे गहने के लावा और आभरण नहीं रखना. ७ चंदन, विलेपन या पुष्पमाला पोषध में नहीं पहनना चाहिये. ;
८ सामायिक के माफिक मामुली दो कपड़े • पहन कर व आसन बिछाकर मुँहपत्ति बांधना गुरु के सन्मुख अथवा पूर्व उ. त्तर दिशाभिमुख खड़े रह कर सामायिक के भांति लोगस्स पर्यंत पाठ दो दफे उच्चरना.
६ वंदनपूर्वक आज्ञा लेकर गुरु के पास : अगर गुरु न होवे तो स्वतः ग्यारहवां
व्रत का शुरु का पाठ उच्चार कर पोषध बांधना, तत्पश्चात् पूर्ववत् तीन नमोत्थुणं. कहना यहां पोषध व्रत वांधने का विधी पूरा हुआ.
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