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२ चलासन दोष-वार वार आसन बदले या होंडा वगैरह अस्थिर आसन पर वैठे सो.
३ चला दोप - चारों ओर दृष्टि किया करे या विषयावृत्ति से स्त्रियों के तरफ देखे सो.
४ सावद्य क्रिया दोष- सामायिक में बच्चों को खिलाना, कपड़े सीना, नामा लिखना आदि सांसारिक कार्य करे सो. ५ आलंबन दोष- भीति, थंभा आदि के सहारे बैठे सो.
६ आकुंचन प्रसारण दोष- कारण विना शरीर के अवयव वार २ संकोचना ' मसारना सो.
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७ आलस्य दोष- आलस्य मरोड़े, वगासां खाये, आड़े पासे सोये इत्यादि. ८. मोटन दोप- अंगुली प्रमुख मोड़ कर टचा का फोड़े सो.
६ मल दोष-पुंज बिना खाज खने अथ वा शरीर का मैल उतारे सो. '