Book Title: Jain Shikshan Pathmala
Author(s): Jain Pustak Prakashak Karyalaya Byavar
Publisher: Jain Pustak Prakashak Karyalaya Byavar

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Page 41
________________ (३५) ना चाहिये कपड़े साधारण और स्व च्छ चाहिये. . . . . . ५ बैठका (आसन), गुच्छा, मुंहपत्ति, माला और पहनने ओडने का एक २ वस्त्र ये सामायिक के उपकरण हैं. ६ उपर्युक्त छहों उपकरण मलीन या गंदे नहीं रखना क्योंकि चौमासे में उनमें फुलण होने का संभव हैं और देखने में भी बुरे मालुम होते हैं. ७ सामायिक करने वाले को प्रथम छहों उपकरणों का पडिलेहण करना, पीछे सांसारिक वस्त्र बंदल करे सामायिक के दो वस्त्र धारण करना. . . : - जमीन घुछ कर आसन विछाना व मुंह पत्ति वांधना गुरु होवे तो उनको बंद ना करना न होवे तो पूर्व तथा उत्तर दिशा तरफ मुख रख कर खड़े २ या बैठे २ सामायिक के पाद उच्चारना.

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