________________
करना..
..
.
"
(१७) १३ भीतर आंकर इरियावही का काउसग्ग पाठ वां धर्म स्थान की मर्यादा. १ सांसारिक कथाएं, नोवेल, शृंगारिक
कविताएं या विभत्स पुस्तकें धर्मस्थान में लाना नहीं व पढ़ना नहीं.. . २ धर्मस्थान में धार्मिक और नैतिक वि
पय के अलावा अन्य मासिक या न्यू• अपेपर नहीं पढना. ३ धर्मस्थानमें ज्ञाति की या गांव की पंचा. , यतें नहीं करना. ४ धर्मस्थान में सांसारिक रोजगार या
तत्सम्बन्धी बात करना नहीं. ५ धर्मस्थान में मंत्र जंत्र या ज्योतिष के . फलाफल की या वस्तुओं के भाव ।
ताव की बातें नहीं करना. ' ६ धर्मस्थान में वैद्य का रोजगार या उस
सम्बन्धी वातें नहीं करना. ७ धर्मस्थानमें जुआ या सौदा सहा करना
नहीं.