________________
(२३.),
७ वंदना करते. समय हाथ पैर जिस जमीन पर रखने के हों उस जमीन को. दृष्टि से देखकर रजोहरण, गुच्छा, और
वस्त्र के पल्ले से पुंछना. - वंदना करके धीरे से, कोमल, हाथ से.
गुरु के चरणों की रज लेकर मस्तक पर लगाना और गुरु की. सुखंशाता
पूंछना. ६ मनुष्यों की गिरदी, होते तो चरणरज
लेने को धक्का धक्की नहीं करना. १० वारीससे भिजे हुए हाथ पैर या. वख
जवतक सूक नहीं जावे तबतक व्रती और गुरु के चरण का स्पर्श नहीं
करना. ११ मनुष्यों से जगह चीकार भर गई हो
और चलने को जगह न हो तो लोगों को दबाकर भीतर नहीं घुसना पर) दूर से ही वंदना करके उचित स्थान पर बैठना.