Book Title: Jain Shikshan Pathmala
Author(s): Jain Pustak Prakashak Karyalaya Byavar
Publisher: Jain Pustak Prakashak Karyalaya Byavar

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Page 30
________________ (२४) १२ त्रियों को खियों की और पुरुषों को पुरुषों की सभा में प्रवेश करने का जो द्वार होवे उसी द्वार से और उसी मार्ग से प्रवेश करनाः .. पाठ १२वां संभा में बैठने के नियम. १ मनुष्यों के आने के मार्ग में नहीं बैठना. २ स्त्रियों की सभाके सामने मुख रखकर नहीं बैठना. ३ स्त्री सभा और पुरुष सभा के बीच में __ थोड़ा भी अंतर रख कर बैठना. ४ बैठनेका स्थल दृष्टिसे देखे विना यारजो हरण गुच्छासे पुंछ विना नहीं बैठना. .५ वेटका (आसन) यतनासे विछाये बिना नहीं बैठना. ६ सामायिक या संवर कोई भी व्रत लेकर वैठना. :: ७ अपनी हैसीयत के माफिक आगे या । पीछे, गुरु के सन्मुख दृष्टि रख कर बैठना. ८ पाट भींत या खंभे के सहारे नहीं बैठना.

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