Book Title: Jain Shikshan Pathmala
Author(s): Jain Pustak Prakashak Karyalaya Byavar
Publisher: Jain Pustak Prakashak Karyalaya Byavar

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Page 21
________________ (१५) १६ साधु को जरूरत की चीजें असुझती नहीं रखना, .. • पाठ ८वां धर्मस्थान प्रवेश. जहां धर्मक्रिया की जाती है और धर्म गुरु ठहरते हैं उसे धर्म स्थान-उपाश्रय कह न हैं उसकी मर्यादाके लिये निम्न लिखित नियमों का पालन करना चाहिये:- . १ शरीर या वनों के उपर खून, राध, विष्टा, या कोई भी अशुचिका का दाम होवे या शरीर के किसी अवयव में से रसी निकलती होवे तो उपाश्रयमें नहीं आना. २ शरीर के अवयव दिखे ऐसे बहुत बा रीक वस्त्र पहन कर नहीं आना. ३ गरबड़ मचावे या अशुचि कर जावे ऐसे छोटे बच्चों को खेलाने के लिये साथ में नहीं लाना. ४ सचित्त वस्तु फल, फूल, शाक, भाजी हरी, बनस्पति, कच्चापानी, दाने,

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