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सट्टा।
हैं। सट्टा एक प्रकारका व्यसन है। एक बार सट्टेके जालमें फँसा हुआ मनुष्य सही सलामत बाहर नहीं निकल सकता । सट्टेके बन्द होनेसे सटोरियेकी आजीविका नष्ट हो जाती है। इतना ही नहीं किन्तु वह किसी कामका नहीं रहता । सटोरियेका उद्यम, उसके दलालका वास्तवमें देशके लिये उद्यम नहीं माना जाता। इनका परिश्रम देशको फलप्रद नहीं, किन्तु अति हानिकर है । सट्टे कतिपय चालाक अनुभवी और साहसी लोगोंके: सिवाय प्रायः सारे नुकसान ही हासिल करते हैं । तेजी मन्दीका लेन देन उत्तरोत्तर कईबार हो जाता है । प्रथम बेचनेवाला दूसरेके पाससे कुछ अन्तर रखकर खरीद लेता है एवं दूसरा तीसरेसे, इत्यादि । यों करनेसे प्रत्येक व्यक्तिको लाभ व हानि दोनों होते हैं, किन्तु जब एक बड़ा सटोरिया दिवाला निकाल देता है और दूसरा · कोर्नर' अर्थात् कबाला करता है तब छोटे, अधविचले सटोरिये इधरके उधर घसीटे जाते हैं और दो विरोधी वेगोंके बीचमें आकर पीसे जाते हैं । इतना ही नही किन्तु देशकी आर्थिक व्यवस्थाको बिगाड़ देते हैं और उपद्रव फैलाते हैं। धनी क्षणमें निधन बनते हैं, देशका व्यापार अस्तव्यस्त हो जाता है और देशकी अवस्था अस्थायी बन जाती है। सट्टा आलस्यको उत्तेजित करता है। प्रामाणिक और उद्यमी पुरुषोंके चित्तपर विक्षेप डालता है। ये लोग अपने व्यवसायका परित्याग कर सटोरियोंकी देखादेखी शीघ्रतया धनी बननेकी दुराशामें अपना सर्वस्व खो देते हैं और देशमें चौतरफा आपत्तिका प्रसार हो जाता है ।
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