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गति, समन्तभद्र, वादिराज, मल्लिषेण, इन सात आचार्योका ऐतिहासिक चरित्र। बड़ी ही खोजसे यह पुस्तक लिखी गई है । मूल्य ॥८)
गृहस्थधर्म-ब्रह्मचारी शीतलप्रसादजीने इसकी रचना की है। गृहस्थोंके सभी कर्तव्योंका शास्त्रोक्त वर्णन इस ग्रन्थमें किया गया है । इसे लोगोंने बहुत पसन्द किया है । मूल्य १३
ज्ञानार्णव-आचार्य शुभचन्द्रका बनाया हुआ योग और वैराग्यका प्रसिद्ध ग्रन्थ । सरल हिन्दी भाषाटीका सहित । एक बार छपके बिक चुका । अब फिर छपाया गया है। मूल्य चार रुपया।
धर्मप्रश्नोत्तरश्रावकाचार-सकलकीर्ति आचार्यने साधारण बुद्धिवालोंके लिए प्रश्न और उत्तरके रूपमें संस्कृत श्रावकाचारकी रचना की है। यह ग्रन्थ उसीका सरल हिन्दी अर्थ है । मोटे कागजपर सुन्दरतासे छपा है । मूल्य दो रुपया।
कठिनाई में विद्याभ्यास-यह एक अँगरेजी पुस्तकका अनुवाद है। बड़ीसे बड़ी विपत्तियोंमें रहकर भी-कंगालीकी हालतमें भी जिन जिन लोगोंने विद्या पढ़ी है, उन महापुरुषों के जीवन चरित इसमें दिये गये हैं। विद्यार्थियोंको अवश्य पढ़ना चाहिए । मूल्य सादीका ॥) जिल्दबँधीका ॥) ।
गृहिणीभूषण-स्त्रियोंके पढ़ने योग्य इससे अच्छी पुस्तक जैनसमाजके लिए और कोई नहीं छपी। स्त्रीके प्रत्येक कर्तव्यका इसमें विस्तारसे वर्णन किया है । थोडीसी प्रतियाँ रह गई हैं । मूल्य ॥) ___ सागारधर्मामृत-हिन्दी भाषाटीका सहित । श्रावकाचारका बहुत प्रसिद्ध ग्रन्थ है। पण्डित प्रवर आशाधरका बनाया हुआ है। भाषा सरल है। मूल्य १॥)
श्रावकधर्मसंग्रह-पं० दरयावसिंहजी सोधियाने ३०--३२ श्रावकाचारोंके आधारसे इसकी रचना की है । इस विषयकी सभी बातोंपर विचार किया गया है । मूल्य २।)
गोम्मटसार कर्मकाण्ड-यह भाषाटीका सहित छपा है । इस ग्रन्थकी प्रशंसा. करनेकी जरूरत नहीं है । मूल्य २ ) जीवकाण्डका अनुवाद हो रहा है।
आराधनाकथाकोश-मूल और पं० उदयलालजी कृत नई भाषाटीका सहित । भाषा बहुत ही सरल है । पहले भागका १।) दूसरे भागका मूल्य १०)
भक्तामरचरित--भक्तामरस्तोत्र, उसके मंत्र और यंत्र, प्रत्येक मंत्रके सिद्ध
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