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श्रीमान् गुणभद्राचार्य रचित
आत्मानुशासन | सरल हिन्दी भाषाटीका सहित । सुलभ संस्करण ।
इस ग्रन्थका परिचय देनेकी ज़रूरत नहीं । आत्मापर शासन करने के लिए उसको वशमें करनेके लिए यह ग्रन्थ अंकुशके तुल्य काम देता है । दश ग्यारह वर्ष पहले यह ग्रन्थ लाहौर में छपा था तबसे यह दुर्लभ हो रहा था । उस समय इसका मूल्य ४ ) था परन्तु अब लगभग दो रुपया में ही आप इसकी स्वाध्याय कर सकेंगे । भाषा आज कलकी बोल चालकी सबके समझने योग्य कर दी गई है। छपाई सुन्दर है । आश्विनमें तैयार होगा ।
जिनशतक -- आचार्य समन्तभद्रका बनाया हुआ यह अद्भुत ग्रन्थ अभीतक लुप्त था । इसमें १०० श्लोक हैं और वे सब चित्र काव्य हैं । अर्थात् इसका प्रत्येक श्लोक चित्रोंके भीतर लिखा जा सकता है । इसमें भगवान् के स्त्रोत्र हैं । हिन्दी भावार्थसहित छपाया गया है | मूल्य ||
धर्मरत्नोयोत--आरा निवासी बाबू जगमोहनदासका बनाया हुआ हिन्दी कविताका ग्रन्थ । बहुत बढ़िया कागज पर छपा है । मू० १)
परीक्षामुख - - न्यायका प्रसिद्ध ग्रन्थ हिन्दी अनुवाद सहित छपा है । यह ग्रन्थ कलकत्ता यूनीवर्सिटीके कोर्समें है और जैन पाठशालाओं में पढ़ाया जाता है | मूल्य | J
आप्तपरीक्षा -- आचार्य विद्यानन्दीका प्रसिद्ध न्याय ग्रन्थ हिन्दी अनुवाद सहित अभी हाल ही छपा है । मूल्य | J
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मिलनेका पता
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जैन ग्रन्थ- रत्नाकर कार्यालय, हीराबाग, पो० गिरगांव - बम्बई.
मुंबईवैभव प्रेस, सैंडर्स्टरोड गिरगाव-मुंबई.
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