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जैनहितैषी
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१४ अलमोनियम धातुसे हानि। . देश गरीब है, और अलमोनियमके वर्तन सस्ते आते हैं, और जो अमीर हैं वे अपनी नाजुकमिजाजीके कारण, और कुछ लोग दोनों बातोंसे इन हलके बर्तनोंका व्यवहार करते हैं। जो हो, देशमें इन बर्तनोंका व्यवहार दिन पर दिन बढ़ता जाता है। किन्तु कौंसा पीतल, फूलके बर्तनोंकी भाँति लोग इसके गुण और दोषोंसे परिचित नहीं हैं । हालमें डाक्टर हर्बर्टने इस धातुके विषयमें पता लगाया है कि इसके बर्तनोंका व्यवहार स्वास्थ्यके लिए अत्यन्त हानिकर है । क्योंकि भक्ष्य पदार्थोंमें नमकका होना आवश्यक है
और नमक-अलमोनियमके संसर्गसे क्लोराइड नामक विष पैदा हो जाता है, जो सब तरहसे हानिकर है।.
-प्रताप । १५ एक दस्सा परवारकी प्रार्थना । हमारे कई परवार भाई विवेकावारोंसे बड़ी घृणा करते हैं और उनसे किसी भी प्रकारका व्यवहार नहीं रखना चाहते । यदि उनसे इसका कारण पूछा जाता है तो उत्तर मिलता है कि तुम्हारे पूर्वजोंने अन्याय किया था। ___ बुंदेलखंड प्रान्तमें मैंने बहुधा देखा है कि परवार भाई विनेकावारोंको भगवदर्शनोंकी क्या चली जिनालयके दरवाजे तक भी नहीं फटकने देते । दशलाक्षणिक पर्वमें भी यही हाल रहता है; हमारा कुररी-रोदन कोई भी कानों नहीं देता । विमानोत्सव, सभा
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