Book Title: Jain Granth Sangraha Part 02
Author(s): Dhirajlal Tokarshi Shah, Agarchand Nahta
Publisher: Pushya Swarna Gyanpith Jaipur
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१२ राजा श्रीपाल
अंगदेश में चम्पा नामक एक नगरी थी। उसमें सिंहरथ नामक राजा राज्य करते थे। उनकी रानी का नाम था-कमलप्रभा। उनके बड़ी अवस्था में एक कुमार पैदा हुआ, जिसका नाम रखाश्रीपाल ।
श्रीपाल जब छोटा सा था तभी उसके पिता की मृत्यु हो गई । रानी बहुत शोक करने लगी, किन्तु प्रधान ने उन्हें धीरज दिया और बाल राजा की दुहाई चारों तरफ फिरवा दी, किन्तु श्रीपाल का काका अजितसेन बड़ा चालाक था, अतः उसने षड्यन्त्र रचकर सेना को अपनी तरफ फोड लिया। एवं अधिकारियों को भी अपनी तरफ मिला लिया । रानी तथा कुमार का बध कर डालना निश्चित किया।
___ रानी को जब इस चालाकी (षडयन्त्र) का पता लगा, तो आधी रात के समय वह राजकुमार को लेकर भागी। चारों तरफ अजीतसेन के सिपाही फैले हए थे। अतः रानी ने सीधा जंगल का मार्ग ग्रहण किया। कैसा भयावना है वह जंगल ? उसमें मानों झाड़ पर झाड़ लगे हों, ऐसी घनी झाड़ी, झाड़ और झंखाड़ का पार नहीं। भीतर कहीं चीते की आवाज सुनाई देती है, तो कहीं सिंह दहाड़ रहा है। किन्तु आखिर करे क्या ? अपने प्राण पत्र के बचाने के लिये रानी जंगल में होकर भागती जा रही थी। बेचारी ने घर से बाहर कभी पैर भी न रखा था। किन्तु आज भयंकर बन में अकेली को ही घूमना पड़ रहा है। उनके पैरों में से खून बहने लगा-और सारे कपड़े फट गये।
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