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जैनधर्म और तांत्रिक साधना
३५-वश्य यंत्र
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ॐप्ने धात्रे
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वषट्
मोहाय स्वाहा
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जाये। स्वाहा ।
जभाय ।
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अपात्रे यपट
क्लीं क क्लीं मैं ही जो क्लीं जो क्लीं
मो
झंधात्रे वषद्
स्वाहा
मोहाय
ही
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३६-विनायक यंत्र
देवनिपललो
भएन
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देवलिलो
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"जैनेन्द्रसिद्धान्तकोश से साभार
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