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जैनधर्म और तांत्रिक साधना यद्यपि मन्त्रराजरहस्य में हृदय शुद्धि के बाद कल्मषदहन का उल्लेख है किन्तु मेरी दृष्टि में कल्मषदहन के पश्चात् हृदयशुद्धि करना चाहिए । वद्धमाण विज्जाविहि (वर्धमानविद्याविधि) में कल्मषदहन के पश्चात् ही हृदयशुद्धि का विधान किया गया है, जो अधिक उचित है, क्योंकि जब तक कल्मष नष्ट नहीं होते हैं, तब तक हृदयशुद्ध नहीं हो सकता। पिण्डशुद्धि एवं निर्मलीकरण
तत्त्वानुशासन नामक ग्रन्थ में सकलीकरण के पूर्व मारुति, आग्नेयी और वारुणी धारणा करने का निर्देश है। यद्यपि अन्य तान्त्रिक परम्पराओं में भी इन धारणाओं का उल्लेख मिलता है, किन्तु जैन परम्परा में इनका प्रयोजन भिन्न है। इनका प्रयोजन कर्ममल से आत्मविशुद्धि की भावना जगाना है। प्रस्तुत ग्रन्थ में इन पाँच धारणाओं का उल्लेख ध्यान साधना के अन्तर्गत धर्मध्यान के प्रसंग में किया गया है। वस्तुतः जैन परम्परा में आग्नेयी धारणा के द्वारा व्यक्ति कर्ममल के दहन की संकल्पना करता है, फिर मारुति धारणा के द्वारा वह कर्ममल के दहन से उत्पन्न राख के उड़ने की कल्पना करता है और अन्त में वारुणी धारणा के द्वारा उस राख के धुलजाने से आत्मा के निर्मलीकरण की अनुभूति करता है।
न्यास और सकलीकरण
न्यास और सकलीकरण तांत्रिक साधना के प्रारम्भिक बिन्दु हैं। वस्तुतः तंत्रसाधना का मूलभूत उद्देश्य शक्ति को प्राप्त करना होता है। पुरुषार्थ चाहे आत्म विशुद्धि के लिए हो या लौकिक उपलब्धियों के लिए, आत्मिक शक्ति को जागृत करना आवश्यक होता है और शक्ति के जागृत होने पर उसका सम्यक् दिशा में नियोजन करना आवश्यक होता है। किन्तु जब शक्ति का उपयोग आन्तरमल या कर्ममल के शोधन के लिये या लोकमंगल के लिए न करके वैयक्तिक क्षुद्रस्वार्थों की पूर्ति के लिए मारण, मोहन, स्थम्भन, उच्चाटन आदि षट्कर्मों के हेतु किया जाता है तो उसके भयंकर दुष्परिणाम भी हो सकते हैं। शक्ति-शक्ति है, वह कल्याणकारी भी हो सकती है और अकल्याणकारी भी। अत: इसके नियोजन में अत्यधिक सावधानी आवश्यक होती है। जो शस्त्र दूसरों को मार सकता है, वह सही उपयोग न करने पर आत्मघाती भी हो सकता है। जिस प्रकार विद्युत की घातक शक्ति से बचने के लिये उपकरणों में रक्षाकवच (इन्स्यूलेशन) आवश्यक होता है, उसी प्रकार तंत्रसाधना में रक्षाकवच के रूप में न्यास और सकलीकरण अनिवार्य है। अतः अन्य तांत्रिकसाधकों के समान ही जैनाचार्यों का भी स्पष्ट निर्देश है कि न्यास एवं सकलीकरण के बिना
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