Book Title: Jain Dharma aur Tantrik Sadhna
Author(s): Sagarmal Jain
Publisher: Parshwanath Vidyapith

View full book text
Previous | Next

Page 496
________________ हमारे महत्त्वपूर्ण प्रकाशन 1. Studies in Jaina Philosophy -- Dr. Nathamal Tatia 100.00 2. Jaina Temples ofWestern India -Dr. Harihar Singh 200.00 3. Jaina Epistemology -I.C. Shastri 150.00 4. Concept of Panchashila in Indian Thought - Dr. Kamala Jain 50.00 5. Concept of Matter in Jaina Philosophy -- Dr.J. C. Sikdar 150.00 6. Jaina Theory of Reality -Dr.J.C. Sikdar 150.00 7. Jaina Perspective in Philosophy & Religion -- Dr. Ramji Singh 100.00 8. Aspects of Jainology (Complete Set : Volume 1 to 5) 1100.00 9. An Introduction to Jaina Sadhana -- Dr. Sagarmal Jain 40.00 10. Pearls of Jaina Wisdom - Dulichand Jain 120.00 11. Scientific Contents in Prakrit Canons -- N. L. Jain (H. B.) 300.00 12. The Heritage of the Last Arhat : Mahavira - C. Krause 20.00 13. The Path of Arhat -T.U.Mehta 100.00 13. जैन साहित्य का बृहद् इतिहास ( सम्पूर्ण सेट : सात खण्ड ) 560.00 14. हिन्दी जैन साहित्य का इतिहास ( सम्पूर्ण सेट : तीन खण्ड ) 540.00 15. जैन प्रतिमा विज्ञान - डॉ. मारुतिनन्दन तिवारी 120.00 16. जैन महापुराण -- डॉ. कुमुद गिरि 150.00 17. वज्जालग्ग ( हिन्दी अनुवाद सहित )- पं. विश्वनाथ पाठक 120.00 18. प्राकृत हिन्दी कोश - सम्पादक डॉ. के. आर. चन्द्र 120.00 19. स्याद्वाद और सप्तभंगी नय - डॉ. भिखारीराम यादव 70.00 20. गाथा सप्तशती ( हिन्दी अनुवाद सहित )- पं. विश्वनाथ पाठक 60.00 21. सागर जैन-विद्या भारती ( तीन खण्ड )- प्रो. सागरमल जैन 300.00 22. गुणस्थान सिद्धान्त : एक विश्लेषण - प्रो. सागरमल जैन 60.00 23. भारतीय जीवन मूल्य - डॉ. सुरेन्द्र वर्मा 75.00 24. नलविलासनाटकम् - सम्पादक डॉ. सुरेशचन्द्र पाण्डेय 60.00 25. अनेकान्तवाद और पाश्चात्य व्यावहारिकतावाद - डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह 50.00 26. निर्भयभीमव्यायोग ( हिन्दी अनुवाद सहित )- अनु. डॉ. धीरेन्द्र मिश्र 20.00 27. पञ्चाशक-प्रकरणम् ( हिन्दी अनुवाद सहित )- अनु. डॉ. दीनानाथ शर्मा 250.00 28. जैन नीतिशास्त्र : एक तुलनात्मक विवेचन - डॉ. प्रतिभा जैन 80.00 29. जैन धर्म की प्रमुख साध्वियों एवं महिलाएँ - डॉ. हीराबाई बोरदिया 50.00 30. मध्यकालीन राजस्थान में जैन धर्म - डॉ. ( श्रीमती ) राजेश जैन 160.00 31. जैन कर्म-सिद्धान्त का उद्भव एवं विकास - डॉ. रवीन्द्रनाथ मिश्र 100.00 32. महावीर निर्वाणभूमि पावा : एक विमर्श - भगवतीप्रसाद खेतान 60.00 33. मूलाचार का समीक्षात्मक अध्ययन - डॉ. फूलचन्द्र जैन 80.00 34. जैन तीर्थों का ऐतिहासिक अध्ययन - डॉ. शिवप्रसाद 100.00 35. बौद्ध प्रमाण मीमांसा की जैन दृष्टि से समीक्षा - डॉ. धर्मचन्द्र जैन 200.00 पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी -5 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 494 495 496