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सन्दर्भग्रन्थ-सूची
१. अर्हम्, युवाचार्य महाप्रज्ञ, संपा० मुनि दुलहराज, आदर्श साहित्य संघ, युरू (राज) सन् १९८५.
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१०.
११.
१२.
आनन्दघन का रहस्यवाद, साध्वी सुदर्शना श्री, पार्श्वनाथ विद्याश्रम शोध संस्थान, वाराणसी, सन् १९८४.
आनन्दघन ग्रंथावली, संपा०- महताबचन्द खारैड़, श्री विजय चन्द्र जरगड, जौहरी बाज़ार, जयपुर, संवत्- २०३१.
एसो पंच णमोक्कारो, युवाचार्य महाप्रज्ञ, संपा० - मुनि दुलहराज, आदर्श साहित्य संघ चुरू (राज०), सन् १९७६.
कल्याण- शक्ति अंक, भाग-६, अंक- १ - २, गीताप्रेस गोरखपुर. ग्रंथत्रयी (तत्त्वानुशासन, वैराग्यमणिमाला एवं इष्टोपदेश), अनु० - पं० लालाराम जी शास्त्री, भारतीय जैन सिद्धान्त प्रकाशन संस्था, कलकत्ता, वीर संवत् २४४७.
जैन तन्त्रशास्त्र, पं० राजेश दीक्षित, दीप पब्लिकेशन, आगरा, सन् १९८४.
णमोकार मन्त्र, मानतुंगाचार्य संपा०- श्री देशभूषण जी महाराज, श्रीमती उर्मिलादेवी, करोलबाग, नई दिल्ली, सन् १६७५.
तन्त्र साधना सार- देवदत्त शास्त्री, स्मृति प्रकाशन, इलाहाबाद सन् १६७६. तन्त्र सिद्धान्त और साधना - देवदत्त शास्त्री, संगम प्रकाशन, इलाहाबाद, सन् १९६३.
ध्यानशतक, जिनभद्रगणि क्षमाश्रमण, दिव्यदर्शन कार्यालय, कालुशीनी पोल, अहमदाबाद, विक्रम संवत्- २०३०.
१३. नमस्कार स्वाध्याय- अनु० मुनि श्री तत्त्वानन्द विजय जी, जैन साहित्य विकास मण्डल, बम्बई, सन् १६६२.
१४. पंचपरमेष्ठि मंत्रराज ध्यानमाला तथा अध्यात्मसारमाला, संशोधक-श्री भद्रंकर विजय जी गणिवर, जैन साहित्य विकास मण्डल, मुंबई, सन् १६७१. १५. प्रेक्षाध्यानः युवाचार्य महाप्रज्ञ, जैन विश्व भारती, लाडनूं (राज0). १६. भारतीय तन्त्रशास्त्र, संपा० वज्रवल्लभ द्विवेदी एवं जनार्दन पाण्डेय
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