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(५११) सपे माप के सपदेश फरको दाम किये है मामेभे भादे है पपा पहुंच से कार्य करें।
- मरदीप
मत्री-पणि दीपभप मन्त्री जी ने इन दोनों पत्रों को समा दिपा र दोगों में प्रति वर्ष मात किया तब समापति मे धर्म प्रचार विषय पर पर मनाहर म्पास्पान दिपा भिप्त को सुन कर लोग प्रति मसम हुप । दस सभा की भजन मंग्सी मे एक मनगार मिन स्तुति गार समा का साप्ताहिक महोत्सव समाप्त किया इस मास्सप काम कर शान्ति मशार भी बड़े मसम्न हुए मौर पर मन में निपप रिपा
-म मी प्रपन नगर में इसी प्रकार मनुर्ण रहसे पर्म प्रपार करेंगे।
चतुथे पाठ ( भवन जैन कन्या पाठ शाला) मानन्द पुर नगर के एक परे पवित्र मौना में मैन न्पा पाठ शाखा का स्थान है यहाँ चौकिक या पार्षिक