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दूसरे " (रोपकार" इन दोनों शब्दों की पूर्ण रीति से व्याख्या की" तव लोग बड़े प्रसन्न होते हुए स्वामी जी को चतुर्मास की विज्ञप्ति करने लगे परन्तु स्वामीजी ने ईस विज्ञप्ति को स्वीकार नहीं किया तब लोगों ने कुछ व्याख्यानों के लिये अत्यन्त विज्ञप्ति की । स्वामीजी ने पांच व्याख्यान देने की विज्ञप्ति स्वीकार करली फिर उन्होंने धर्म विषय, अहिंसा विषय, स्त्री शिक्षा, विद्या विषय, कुरीति निवारण विषय, इन पांचों विषयों पर पृथक् २ दिन दो २ घंटे प्रमाण व्याख्यान दिये जिन को सुनकर लोग मुग्ध होगये बहुत से लोगों ने उन व्याख्यानों से अतीव लाभ उठाया । बहुत से लोगों ने स्वामी जी से अनेक प्रकार के प्रश्नों को पूछ कर अपने २ शंशयों को दूर किया ।
जव स्वामी जी के विहार करने का समय निकट आगया तब स्वामी जी ने विहार कर दिया उस समय सैंकड़ों लोग भक्ति के वश होते हुए खॉमोजी को पहुंचाने के वास्ते दूर तक गये। फिर स्वामीजी ने वहाँ पर भी उन लोगों को अपने मधुर वाक्यों से "प्रेम" विषय पर एक उत्तम उपदेश सुनाया और उसका फलादेश भी वणन किया.