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( ११ ) तृतीय पाठ
(जैन सभा विषय बयान नगर के एक विशाल चौक में गदा ऊंचा एक भवन बना हुया है जो कि उस बाजार में पहिले वही दृष्टि गांचा होता है उस समय "शालि प्रशाद" श्रावक नगर में भ्रमण करता हुया वहां पर ही श्रा निकलो जव उस स्थान के पास गया तब उसने एक मोटे अक्षरों में लिखा हुआ साइनबोर्ड (Sign- 10rd)दग्दा जब उसने उसको पढ़ा सव उसको गलुप होगया - यह जैन सभा का स्थान है क्योंकि-"साइट पर लिखा हुआ था कि"श्री श्वेताम्बर (स्थानक वासी जैन सभा)"
"उसी समय शान्ति प्रशाद ने विचार किया कि चलें ऊपर चल कर देखें कि इस नगर की जन सपा की क्या व्यवस्था है इस प्रकार विचार करके वह छपर चला गया तब वह क्या देखता है. कि जैन सपा के