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( १२ ) समासद पेठे हुपेरे और पारस खाग मैन बा प्रमेय मी भार समारदिणी मी प्रपन नियत स्याम पर पेठ पो। ममा पड़ी समसग्नित ऐसी है 'मेगा और हरमी' मी लगी हुई है और “पेज पर पाव मी पुस्तकें रक्सी । तप शान्ति प्रशद ने पूजा वि-इस समा के निपम क्या २१और समासद का
पापिपारी लिने हैं। उस समय समापति न उतर मेरा पिपासमा साप्तारिना प्रस्पर रविवार के दिन कामे छगवीर और समापति "पसमा पवि "मम्मी “पमम्मो "काशाप्पा प्रमागार मदावा स्पादि सभी पापिपारी और दो सौ. मनपान समासदर सपा की भोर से एक "भैर पाग्शाया मी सखीभौर पर "पदेशकास मी मिसमें भमर पारा तय्यार कर पारिर धर्म प्रचार के सिपे मेने नाव गोरे पर्म प्रचार के प्राये ये पत्र मस्यैरविवार को सर्व सम्यगे से ममाय मावे १ भीर समा का माप (बाम) भौर म्पम (म) मी धनापा मावा
सपा में भने विषयों पर पाम्पान हिच भावे