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विदा होते हैं अब हम पर इनायन की नजर रखना । खुशो का ऐसा दिन सब को मुवार कहो मुबारक हो ॥शा श्रीजिनराज का धनबाद न्पामत क्यों न गावें हम । खुशी से होगई शादो, मुबारक हो मुबारक हो ॥ ६ ॥
१२ (चालकवाली [ताल कहरवा ] यह कैसे वान विखरे हैं यह
___ व्यासूरत घनी गमकी ॥ नोट-भरत जी का श्री रामचन्द्र जी से मिलना और
राज्य सौंपना ॥ भजुध्या में श्री रघुवर, नेरी पाना मुबारक हो । भाई लछमन का सीताका संग लाना मुबारक हो ॥२॥ अजुध्या की सकल परजा, तेरा धनवाद गाती है।
आपके सार चरणों का दरश पाना मुबारक हो ॥२॥ पिता का हुक्म माता का, बचन पूरा किया तुमने। जीत लंकेश रावनको, तेरा आना मुबारक हो ॥३॥ भजुध्या का राज लीजे, और शाही ताज लीजे । मुक्कदोशी मुझे दीने, नेरा आना मुबारक हो ॥ ४॥ सकल परणा यही अब कह रही है यक जुबां न्यामत । मुबारक हो मुबारक हो, तेरा वाना मुबारक हो ॥ ५॥