Book Title: Jain Agam Prani kosha
Author(s): Virendramuni
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 15
________________ जैन आगम प्राणी कोश अंक [अंक] प्रश्नव्या. 2/12 A kind of Conch Shell — शंखराज की एक जाति । देखें- शंख अंधग [अन्धक] दस. 2/8 A kind of Snake— अन्धक सर्प विवरण- अगन्धन कुल में उत्पन्न सर्प मंत्रवादी के द्वारा बुलाए जाने पर भयंकर अग्नि में प्रवेश कर जाते हैं, पर वमन किए हुए विष को वापस नहीं पीते । आधुनिक विज्ञान इस बात को स्वीकार नहीं करता, उसके अनुसार उत्तम जाति के सर्प तीव्र विष वाले होते हैं अतः उनके द्वारा डसा हुआ व्यक्ति 10-30 मिनट में मृत्यु को प्राप्त हो जाता है । ( हा.टी.प. 95 ) अंधिय [अन्धिक] भग. 15/108, प्रज्ञा. 1/51, उत्त. 36/146 Caipsid bug-कैपसिट बग (कीट), अंधा आकार - लगभग 5 M.M. की लम्बाई वाला कीट । लक्षण - शरीर का रंग पीला-हरा होता है। यह फसलों आदि को नुकसान पहुंचाता है। विवरण- इसकी अनेक प्रजातियां पाई जाती हैं। वैज्ञानिक भाषा में इसे कैलोकोरिस अंगस्टैटस लैथिरी कहते हैं । [विवरण के लिए द्रष्टव्य-सचित्र विश्व कोश, फसल पीड़क कीट] अच्छ [ऋक्ष] भग. 3/209, ज्ञाता. 1/1/178, प्रश्नव्या 1/6 Sloth Bear - रीछ आकार - भालू से काफी मिलता-जुलता । 1 लक्षण - शरीर का रंग गहरा काला । बाल-लंबे, खुरदरे और घने । छाती पर 'V' के आकार का सफेद चिह्न । मस्तक चौड़ा और थूथन लंबी होती है विवरण - यह भालू की जाति का ही एक प्राणी है । इसका चेहरा देखने में तिकोना लगता है । चपटी पैरों वाली टांगें झुकी हुई होती हैं। पैरों के अंत में लम्बे सफेद Jain Education International पंजे होते हैं। यह संपूर्ण भारत में चट्टानी एवं जल स्रोतों के समीप वाले जंगलों में पाया जाता है। [विशेष- विवरण के लिए द्रष्टव्य-भारत के संकट ग्रस्त प्राणी, सचित्र विश्व कोश ] अच्छिल [अक्षिल] उत्त. 36/148 A kind of Locust - टिड्डी की एक जाति । देखें- डोल अच्छिरोड [अक्षिरोड़क] प्रज्ञा. 1/51. उत्त. 36/148 A kind of Locust - टिड्डी की एक जाति । देखें - डोल अच्छिवेहए [अक्षिवेधक] प्रज्ञा. 1/51, उत्त. 36/147 A kind of Locust - टिड्डी की एक जाति । देखें- डोल अट्ठिकच्छभ [अस्थिकच्छप] प्रज्ञा. 1/57 Hawksbill-बाजचोंचा कच्छप, अस्थिबहुल कच्छप । आकार - चौकोर, त्रिकोणाकार आदि अनेक प्रकार के होते हैं। लक्षण – इनमें अस्थि का भाग अधिक और मांस का भाग कम होता है। संकरा कांटेदार 'केरापेस' जिसमें एक दूसरे को ढंकते हुए कवच जैसी पट्टियां होती हैं । पतली गर्दन व बाज की चोंच जैसी थूथनी इस जाति For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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