Book Title: Jain Agam Prani kosha
Author(s): Virendramuni
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 113
________________ जैन आगम प्राणी कोश आकार-शरीर एक सेमी. तक लम्बा। आकार-तीतर की अपेक्षा कुछ छोटा। लक्षण-यह गहरा मटमैला भूरे रंग का शलभ है। लक्षण-सलेटी धूसर रंग की छोटी व मोटी पूंछ तथा कपास आदि के डोडों में सूक्ष्म छिद्र से प्रवेश कर बीज लम्बे पैर । चेहरा तथा वक्ष सफेद। दुम का निचला भाग और रेशा निर्माण करने वाले ऊतकों को खा जाता है। जग की भांति चमकीला लाल। नर-मादा दोनों एक से विवरण-इसकी भारत में अनेक प्रजातियां पाई जाती प्रतीत होते हैं। हैं। वैज्ञानिक भाषा में इसे 'पेक्टीनीफोरा गोसिपेला विवरण-भारत.पाकिस्तान, लंका,अण्डमान निकोबार सांडर्स' के नाम से पहचाना जाता है। इसकी उम्र काफी आदि में पाया जाने वाला यह पक्षी आमतौर पर शर्मीला लम्बी होती है। और चुप रहता है। चलते-फिरते समय इसकी मोटी पूंछ [विशेष विवरण के लिए द्रष्टव्य-फसल पीड़क कीट, ऊपर-नीचे, उठती-गिरती रहती है। उड़ते समय तेज, Nature] कर्कश एक स्वर वाली किर्र-क्वैक-क्वैक, किर्र-क्वैक, क्वैक या कूक-कूक-कूक जैसी ध्वनि करता है। हुडुक्क [हुडुक्क] भग. 9/182 ज्ञाता. 1/1/33 [विशेष विवरण के लिए द्रष्टव्य-K.N. Dave पृ. White Waterhen-हुडुक्क जलमुर्गी, दाहुक। 295] Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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