Book Title: Jain Agam Prani kosha
Author(s): Virendramuni
Publisher: Jain Vishva Bharati
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गन्धक
गंधहत्थि
गद्दभ
गय
गरुल
गलियस्स
गवय
गवल
गवेलग
गहरा
गहरा
गागर
गाव, गाय
गावी
गाह
गिद्ध
कोकण्ण
गोण
गोणस
गोम्ही
गोरक्खर
गोरमिग
गोरहग
गोह
गोह
घरोइल
घूय
घोडग
चउरग
चकोर
चक्कलड़ा, चक्कवुंडा, चक्कुलेंडा
चक्काग, चक्कावाग
चडग
चमर
चम्मलि
चास
चिड़ग, चिड़िग चित्तचिल्लय
चित्तलग
चित्तलि
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चिल्लल
चोर
छगल
छीरल
छीरविरालिया
छुद्दिका
छेलिय
जंबुय
जमग
जरग्गव
जलोय
जाहक
जीवंजीव
जुगमच्छ
जुवंगव
झस टिट्टिभी
ढंक
ढिंक
ढेलियालग
णउल
मंदीमुह
णक्क
णागिंद
पोडर
तंदुलमच्छ
तयाविस
तरच्छ
तित्तिर
तित्तिर
तिमि
तिमिंगल
तिल्लाहटिका
तुरग
दगतुंड
दगरक्खस
दद्दुर
दहुर
दब्धपुप्फ
दव्वीकर
दिडिविस
दिली
दिलिवेढय
दिव्वा
दीविग
दीविय
दुलि
धत्तरद्रु
धवलवसह
घेणु
नंदमाणग
नाग
नाग
निस्सासविस
नीलच्छाय
नीलमिय
पंगुल
पक्खिविराली
पडागा
पडागा
पड़ागातिपडागा
पडिका
पचलाइया
परस्पर
परासर
परिसर
पसय
पाठीण
पायकुक्कुड
पायहंस
पारिप्पव
पारेवय
पिंगलक्ख
पिंगुल
पीलग
पुंसकोइल
पुलग
पूयण
पोंडरीय
बग
वरहिण
बलागा
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जन आगम प्राणी कोश (परिशिष्ट-2)
बहिलग
बाल
बाल
बाहुलेर
बीयंबीयग
भल्ल
भसुय
भारुंडपक्खी
भास
भिंग
भिंग
भिंगारग
भेणासी
भुयंग
भुयइसर
भोगविस
भोगि
मउलि
मंकुलहत्यि
मंगु
मंगुसा
मंडलि
मंडुक्क
मंदुय
मंधादय
मंस
मंसकच्छप
मगर
मग्गरिमच्छ
मग्गुक
मच्छ
मज्जार
मट्ठमगर
मयणसाला
मयूर
मरुयवसभ
मसूर
महिस
महिसी
महुयर
महोरग
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