Book Title: Jain Agam Prani kosha
Author(s): Virendramuni
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 48
________________ 34 जैन आगम प्राणी कोश खर खर] भग. 7/117 ज्ञाता. 1/1/159 प्रज्ञा. 1/18 जाति, खन्न मछली की एक जाति। देखें-खन्न। खाइडल, खाडहिलं, खाडहिल्ल, खाडहिल्ल, खाडहेल्ल [दे.] प्रश्नव्या. 1/8 नंदी 38/4 प्रटीप. 10 आवहाटी पृ. 278 Squirrel-गिलहरी देखें-कमेड (गिलहरी) खार [खार] सू. 2/3/80 प्रज्ञा. 1/76 Donkey-गधा। Duck-billed, Platypus-डकविल, प्लैटिपस, बत्तख आकार-घोड़े से छोटा। गि चोंचा, खारी। लक्षण-पालतू गधे के शरीर का रंग काला, सफेद, सलेटी अनेक प्रकार का। जंगली गधे के शरीर का रंग सलेटी से लेकर गहरा भूरा तक होता है। पेट का निचला भाग सफेद तथा कान काले सिरे वाले नोकीले होते हैं। विवरण-इनकी अनेक जातियां पाई जाती हैं। यह एक सीधे-स्वभाव का शाकाहारी पशु है। जिसका उपयोग बोझ आदि ढोने में किया जाता है। इसकी कोशिकाओं में निर्जलीकरण, सहन करने एवं जल का आकार-20 इंच लम्बा शरीर 12 1/2 इंच लम्बी एवं भंडारण करने की अद्भुत क्षमता होती है। अपनी इन्हीं 2 इंच चौड़ी चोंच। पर विशेषताओं के कारण यह जल की कमी वाले स्थलों लक्षण-बत्तख जैसी चोंच एवं पैर वाले इस में भी रह सकता है। भुजपरिसर्प प्राणी के मल और मूत्र के निष्कासन का मार्ग एक ही होता है। बचपन में इसके छोटे-छोटे दांत खलुंक खलुंक] ठा. 4/468 उत्त. 27/3,85 होते हैं, जो जवान होने से पूर्व ही टूट जाते हैं। Restive ox, Restive bull-अयोग्य बैल। विवरण-वर्तमान में केवल पूर्वी आस्ट्रेलिया और विवरण-जो बैल गाड़ी खींचे वह मध्यम बैल, किंतु टस्मानिया में नदियों, झीलों तथा तालाबों के किनारे जो गाड़ी और रथ दोनों में काम आए वह उत्तम बैल बिलों में रहने वाला यह प्राणी स्तनपायी होते हुए भी होता है। जो किसी के काम न आए वह अयोग्य बैल अंडे देता है। मादा के स्तन नहीं होते फिर भी यह बारीक की गिनती में आता है। अयोग्य बैल बार-बार चाबुक । छेद के द्वारा बच्चों को दुम से पेट पर चिपका कर दूध खाने पर भी कार्य में प्रयुक्त नहीं होता। पिलाती है। शेष विवरण के लिए द्रष्टव्य-आवल्ल (बैल) बिल के प्रायः दो दरवाजे होते हैं- एक पानी के भीतर [विशेष विवरण के लिए द्रष्टव्य-पाणिनि 4/4/80, और दूसरा जमीन के ऊपर। जो घास-फूस आदि से अथर्ववेद 6/135/1] ढका होता है। अपने दुश्मनों को धोखा देने के लिए यह बिल में सुरंगें भी बना लेता है। यह तैरता है और खवल्लमच्छ खवल्लमत्स्य प्रज्ञा. 1/56 कोना गोता भी लगा सकता है। A kind of Chauepin Fish-चाऊपिन की एक विशेष विवरण के लिए द्रष्टव्य-Nature, Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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