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जैन आगम प्राणी कोश
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की आवाजें आसानी से सुन सकता है।
गफ
[विशेष विवरण के लिए द्रष्टव्य-जानवरों की दुनिया, विश्व के विचित्र जीव-जंतु, सचित्र विश्व कोश]
ससय [शशक] ज्ञाता. 1/1/154 प्रश्नव्या. 1/6 विवा. 1/4/161 Rabbit-खरगोश आकार-सेही के समान। लक्षण-शरीर का रंग सफेद से लेकर लाल तक होता है। पिछले दो पैर काफी लम्बे और मजबूत होते हैं।
साण [श्वन्] आ.चू. 4/12 ठाणं. 5/299 भग. 3/34 प्रश्नव्या. 1/6 Dog-कुत्ता आकार-छोटे-बड़े अनेक प्रकार के। लक्षण-शरीर का रंग सफेद से लेकर भूरा-लाल तक
पुरामा संशोधन
गोवरपेय विवर
पोखरा
आदरसोच का रियर
जिनसे यह चौकड़ियां भरता हुआ तेजी से दौड़ सकता होता है। कुछ कुत्तों के कान बड़े एवं कुछ के छोटे होते है। कान लम्बे और चौकन्ने होते हैं।
हैं। कुछ के कान खड़े एवं कुछ के नीचे झुके हुए होते विवरण-इसकी अनेक प्रजातियां पाई जाती हैं हैं। इनके दांत मजबूत और तेज होते हैं। घ्राण इन्द्रिय जैसे-स्नोशू, रेगिस्तानी, पालतू, हिमालयी और बेल्जियम बहुत सूक्ष्मग्राही होती है। का खरहा आदि। खतरे के समय यह बिल्कुल दम विवरण-विश्व भर में इनकी सैकड़ों प्रजातियां पाई साधकर पड़ा रह सकता है। दौड़ते-दौड़ते एकाएक रुक जाती हैं। ब्लड हाउण्ड कुत्ता अपराधियों का पता लगाने जाता है और तुरन्त दिशा बदल देता है। जंगली खरगोश में पुलिस के बहुत काम आता है। अल्शेशियन कुत्ता विलों में रहते हैं। ये बिल जमीन में नीचे ही नीचे सुरंगों भी जासूसी विभाग में कार्य करता है। यह बहुत निडर की भांति बने होते हैं।
और होशियार होता है। प्रदर्शनियों में कुत्तों को छः भागों कुछ खरगोशों के पैर तथा कान बड़े होते हैं, जिन्हें खरहा में बांटा जाता है-खिलाड़ी, गैर-खिलाड़ी, काम करने कहा जाता है। खरगोश को मनुष्य की तरह पसीना नहीं वाले, शिकारी, हेरियर और खिलौना कुत्ते। कुछ विशेष आता क्योंकि उसके लम्बे कानों से शरीर की गर्मी बाहर जाति के कुत्ते अनेक कार्य करने में दक्ष होते हैं जैसेनिकलती रहती है। खरगोश के कानों में बहुत सारा अंधे को रास्ता दिखाना, भेड़ों एवं दूसरे जानवरों को रक्त होता है। जब वह तेजी से दौड़ता है तब यही रक्त एकत्रित करना, संपत्ति की रक्षा करना आदि। हवा के सम्पर्क में रहने से ठंडा रहता है और पूरे शरीर भारत के जंगलों में पाया जाने वाला सोनहा कुत्ता बहुत में इसका संचार होने से शरीर का तापमान संतुलित शक्तिशाली एवं खूखार होता है। इनकी टोलियां तेंदुए बना रहता है। इसके कान आगे-पीछे, दाएं-बाएं हर बाघ, सिंह पर भी हमला कर उन्हें अपना शिकार बना दिशा में घूम सकते हैं। जिससे यह अपने चारों तरफ लेती हैं।
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