Book Title: Jain Agam Prani kosha
Author(s): Virendramuni
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 82
________________ 68 डालकर यह उसका रस चूसता है। और रस के साथ रहने वाले कीट को भी खा जाता है। विवरण- भारत, पाकिस्तान और बंगलादेश में पाए जाने वाले शकर खोरे की मुख्य तीन प्रजातियां हैंयैलोबेकर्ड सनवर्ड, पर्पल सनवर्ड व पर्पल रम्पर्ड सनवर्ड । इसका घोंसला बया की तरह लटकने वाला होता है। शकरखोरे बगीचों, कुन्जों, झाड़-झंखाड़ वाले क्षेत्रों व हल्के पर्णपाती जंगलों में रहना पसंद करते हैं। उड़ते समय तेज व तीखी विच विच की ध्वनि से पहचाने जाते हैं । [विशेष विवरण के लिए द्रष्टव्य - K. N. Dave पृ. 114] भिंग [भृंग] औप. 19 राज. 26 जीवा. 3/279 A Black bee - भंवरा देखें-छप्पय भिंगारग [भृंगारक] औप. 6 जीवा. 3/275 जम्बू. 2/12 The Black Drongo, King Crow-भुजंगा, कोतवाल, भृंगारक । आकार -बुलबुल से कुछ बड़ा। लक्षण - शरीर का रंग एकदम चटक चमकीला काला । Jain Education International पूंछ लम्बी एवं बीच से काफी फटी हुई । आंखों का रंग लाल । नर-मादा दोनों एक जैसे प्रतीत होते हैं। विवरण- भारत, पाकिस्तान आदि में इसकी • मुख्य चार प्रजातियां पाई जाती हैं। जिनमें भृंगराज और भुजंगा प्रसिद्ध है । यह कई तरह की कर्कश तथा डराने-धमकाने वाली आवाजें निकालता है । वैज्ञानिक भाषा में इसे जैन आगम प्राणी कोश डाइकूरस एहसिमिलिस (बैक्सटीन) कहते हैं 1 [विशेष विवरण के लिए द्रष्टव्य - K. N. Dave पृ. 62-63] 818 भिंगारी [भृंगारिण] उत्त. 36/147 Cricket-भृंगरीटक देखें- झिल्लिया नि attoed भेणासि [भेणासि] प्रश्नव्या. 1/9 Indian Lorikeet-भोरा, भोअरा, लटकन, भेणस । आकार - घरेलू गौरेया से कुछ बड़ा । लक्षण - छोटा, सुन्दर, चमकीला और घास जैसे हरा For Private & Personal Use Only तोता। पूंछ छोटी एवं चौकोर । विवरण- भारत और लंका में पाया जाने वाला यह एक 'शाकाहारी पक्षी है। लंका लोरिक्यूलस वेरीलाइस नामक पक्षी का शिखर गहरा लाल और नेप नारंगी होता है। C www.jainelibrary.org

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