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जैन आगम प्राणी कोश
विवरण-विशेषकर गरम समुद्रों में पाया जाने वाला आकार-प्रायः 7 से 10 मी. लम्बा। यह प्राणी दिन में किसी दरार आदि में छिपा पड़ा रहता लक्षण-शरीर श्रृंगी खोलयुक्त अस्थि-पट्टियों से ढका है। खतरे में फंस जाने पर शरीर से स्याही के रंग का होता है जिनसे यह प्राणी गहरे जैतूनी रंग का दिखता तरल पदार्थ निकालता है और अपनी रक्षा करता है। है। पूंछ के ऊपरी हिस्से के किनारे आरी के समान यह पीछे की ओर भी चल सकता है। प्रशान्त महासागर दिखाई देते हैं। में पाया जाने वाला आक्टोपस मनुष्य, भैंस आदि को विवरण-नदी मुख या मुहाना मगर सभी मगरों में बड़ा भी अपनी मजबूत भुजाओं से पकड़ लेता है। है और तटीय गरान (मेंग्रोव) नदी मुखों आदि में रहता [विशेष विवरण के लिए द्रष्टव्य-Nature, सचित्र है। दांत इतने बड़े होते हैं कि मुंह बंद होने पर भी दिखाई विश्व कोश]
देते हैं। नदीमुख मगर भारत के पूर्वी तट तथा अंडमान
और निकोबार द्वीप समूहों में पाए जाते हैं। मग्गुक [मद्गुक] सू. 1/11/27
[विशेष विवरण के लिए द्रष्टव्य-मगर] Snake-birdor Darter-जल काक, पनडुबी, बानकी देखें-मंगु
मयणसाला मयणसाला, मदनशलाका]
ज्ञाता. 1/5/3, प्रश्नव्या. 1/9 औप. 6 जीवा. मच्छ [सत्स्य] प्रज्ञा. 1/55
3/275 Fish-मत्स्य दखें-झसहितीय
Bank Mvna-मैना, गंगामैना. बरादमैना।
आकार-सामान्य मैना की भांति। मच्छिया [मक्षिका] प्रज्ञा. 1/51 ज्ञाता. 1/16/29 लक्षण-लगभग 21 से.मी. लम्बा पीला, नीला और प्रश्नव्या. 1/32 प्रज्ञा. 1/51
धूसर रंग का पक्षी। सिर, गाल तथा ठोढ़ी का रंग काला। Fly Bee-मक्खी
चोंच का रंग नारंगी। टांगें तथा नाखून भी नारंगी-पीले आकार-1 मि.मी. से 8-9 मि.मी. तक लम्बी। होते हैं। सिर पर कुछ लम्बे काले बाल होते हैं। लक्षण-शरीर का रंग काले से लेकर कत्थई भूरा तक। गंदे स्थानों पर रहना इनका स्वभाव है। विवरण-इनकी भारत में अनेक किस्में पाई जाती हैं। कुछ मक्खियां बहुत खतरनाक होती हैं। वे दूसरी मक्खियों को पकड़कर उनका खून पीती हैं। कुछ मक्खियां परजीवी होती हैं जो पशु आदि के शरीर से अपना जीवन निर्वाह करती हैं।
मज्जार [मार्जार] प्रश्नव्या. 1/6 भ. 21/20 ज्ञाता. 1/8/42 Cat-बिल्ली देखें-कुलल
मट्ठमगर [मृष्ठमकर] प्रज्ञा. 1/59 A Kind of Alligator, Crocodile Porasis Snider-मृष्ठमकर (मगरमच्छ की एक जाति), नदीमुख मगर।
विवरण-भारत, पाकिस्तान, बंगलादेश आदि में पाया जाने वाला यह पक्षी चलता कम और फुदकता अधिक है। यह स्टर्निडी परिवार का पक्षी है। केवल भारत में ही इसकी 18 प्रजातियां पाई जाती हैं। सामान्य मैना से कुछ हल्की बोली बोलने वाला यह प्लेटफार्म, मानव बस्ती के नजदीक रहना पसंद करता है।
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