Book Title: Jain Agam Prani kosha
Author(s): Virendramuni
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 99
________________ जैन आगम प्राणी कोश शरीर पर कड़ा खोल होता है। कुछ के एक तथा कुछ संवर [संवर] प्रज्ञा. 1/64 प्रश्नव्या 1/6 के दो खोल भी होते हैं। श्री Antelope-मृग की एक जाति, (बारह सींगा) विवरण-अधिकांशतः पानी में रहते हैं। पानी में प्राप्त आकार-सामान्य हिरण से कुछ बड़ा। चूने से अपना खोल बनाते हैं। शंखराज का खोल इनमें लक्षण-शरीर पर सुंदर रंग की ऊनी खाल होती है। गर्मियों में इसके शरीर का रंग हल्का हो जाता है। सिर पर शाखायुक्त सींगों का जाल होता है। विवरण-ये उत्तरी तथा पूर्वी भारत, उत्तर प्रदेश, असम, मध्य सबसे बड़ा होता है। 75,000 तरह के जीवं इन खोलों प्रदेश के दलदली अथवा सूखी घास वाले वनों में पाये में रहते हैं। जाते हैं। इनके सींग नियमित अंतरालों पर झड़ते हैं। नए सींगों पर एक मखमली आवरण होता है। वयस्क संखणग [शंखगण] प्रज्ञा. 1/49, उत्त. 36/ होने पर जब सींग कठोर हो जाते हैं तो आवरण हट 128 जाता है। यह 30 से 50 तक की संख्या वाले बड़े झुंडों Shells-शंखनक (छोटे शंख, शंखनी) में रहना पसंद करता है। आकार-विभिन्न आकार प्रकार वाले। [विशेष विवरण के लिए द्रष्टव्य-विश्व के विचित्र लक्षण-घुमावदार, चपटे, शंकु आदि आकार तथा| जीव-जंतु] विभिन्न रंगों वाले होते हैं। विवरण-75,000 किस्में पाई जाती हैं। ये समुद्र एवं संवुक्क [संवुक्क] प्रज्ञा. 1/49 गरम पानी के स्रोतों में पाए जाते हैं। इनका शरीर इतना Snail-घोंघा (शम्बूक) कोमल होता है कि छोटे से भी रेत के कण को सहन आकार-शंख एवं सिप्पी के तुल्य। नहीं कर सकते। संड [शण्ड, षण्ड] भग. 2/66 ज्ञाता. 1/1/24 उवा. 1/57 Bull-बैल, सांड़ देखें-आवल्ल सदंसगतुड [सदंशकतुण्ड] प्रश्नव्या. 3/18 [पा.] Jungle-crow-ढंक, बड़ा काक, द्रोण काक, ढिंकणा (राज.)। देखें-ढंक लक्षण-शरीर बहुत कोमल किन्तु उस पर एक कठोर खोल होता है। पैर चौड़े एवं बड़े। जमीन पर रेंगने वाले प्राणी हैं। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org.

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